प्रधानमंत्री की अगुआई में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र के लिए बड़ा फैसला लिया गया है. सरकार ने महाराष्ट्र के पालघर जिले के दहानू तालुका में वाढवन पोर्ट को मंजूरी दे दी है।यह प्रोजेक्ट 76200 करोड़ रुपये का होगा. यहां कंटेनर की कैपेसिटी 20 मिलियन Teu होगी. इससे पोर्ट के आसपास के क्षेत्र में 12 लाख रोजगार का सृजन होगा.इस पोर्ट के आसपास रेलवे और हवाई अड्डे की शानदार कनेक्टिविटी होगी. देश में एक बहुत बड़ा प्रोजेक्ट को ग्रीन सिग्नल मिला है. यहां 9 कंटेनर टर्मिनल होंगे और मेगा कंटेनर पोर्ट होगा. इस पोर्ट का पहला फेज 2029 में पूरा होगा. ये पोर्ट विश्व के टॉप 10 में होगा. ये मुंबई से करीब 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.इस पोर्ट को जवाहर लाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी (जेएनपीटी) और महाराष्ट्र मेरिटाइम बोर्ड द्वारा मिलकर बनाया जा रहा है. इसमें जेएनपीटी की हिस्सेदारी 74 फीसदी और महाराष्ट्र मेरिटाइम बोर्ड की 26 फीसदी हिस्सेदारी होगी.
सरकार ने कहा है कि इस पोर्ट के निर्माण के लिए हर एक स्टेकहोल्डर से चर्चा की गई. पोर्ट के डिजाइन में बदलाव किया गया है और अब इसे स्थानीय लोगों के फायदे के हिसाब से तैयार किया जाएगा. एक बड़ी बात यह कि ये पोर्ट इंडिया मिडिल ईस्ट कॉरिडोर के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा. इस पोर्ट पर कोस्ट गार्ड का एक अलग बर्थ होगा. इसके अलावा एक फ्यूल बर्थ भी होगा.