41 संगठन एकजुट, आरक्षण में घुसपैठ के विरोध में होगा जनआक्रोश मोर्चा
अनुसूचित जनजातियों के आरक्षण में कथित घुसपैठ को लेकर आदिवासी समाज ने सड़कों पर उतरने की तैयारी कर ली है। आदिवासी नेताओं का कहना है, कि बंजारा और धनगर समाज के लोग हैदराबाद गजट के आधार पर अनुसूचित जनजाति में आरक्षण पाने का प्रयास कर रहे हैं। इसे लेकर आदिवासी समाज में नाराजगी बढ़ रही है। रविवार को पालघर के मनोर इलाके में हुई एक बैठक में निर्णय लिया गया है, कि 41 आदिवासी संगठन 14 अक्टूबर को पालघर जिलाधिकारी कार्यालय पर ‘उलगुलान जनआक्रोश मोर्चा’ निकालेंगे। इस आंदोलन का आयोजन पालघर जिला आदिवासी संघर्ष कृती समिति करेगी।
बोईसर के विधायक और कृति समिति के अध्यक्ष विलास तरे ने कहा, “अनुसूचित जनजातियों की सूची में बदलाव करने का अधिकार केवल राष्ट्रपति और संसद को है। राज्य सरकार किसी गजट के आधार पर किसी अन्य जाति को एस.टी. में शामिल नहीं कर सकती। हैदराबाद गजट का कोई कानूनी या संवैधानिक महत्व नहीं है। इस आधार पर आरक्षण देना मूल आदिवासियों के साथ अन्याय होगा।”
सांसद डॉ. हेमंत सवरा ने कहा, कि 15 जातियाँ आदिवासियों का लाभ लेना चाहती हैं और उनका लक्ष्य राज्य के 25 विधानसभा क्षेत्रों में मिलने वाले राजनीतिक आरक्षण पर है। उन्होंने कहा कि हमें सामाजिक जिम्मेदारी के तहत एकजुट होना होगा।
“यह संघर्ष केवल आरक्षण के लिए नहीं है, बल्कि आदिवासी समाज के अस्तित्व की रक्षा के लिए है।
बैठक में पूर्व विधायक श्रीनिवास वनगा, पूर्व सभापति संतोष बुकले, प्रतिभा गुरोडा, सीमा धोदडे, सुरेश रेंजड,एडवोकेट विराज गड़ग़,सचिन शिंगडा सहित कई आदिवासी नेता उपस्थित थे। सर्वसम्मति से तय किया गया कि मोर्चा शांतिपूर्ण लेकिन निर्णायक होगा।