पालघर ज़िले के ग्रामीण इलाको में रहने वाले आदिवासियों में आज भी बाल विवाह एक बड़ी समस्या है। यहां कुछ दिन पहले ही एक बालिका को वधु बनाया गया था। जिसके गर्भवती होने पर मौत का सनसनी खेज मामला सामने आया है। यहां के मोखाड़ा इलाके में स्थित अस्पताल में एक गर्भवती आदिवासी महिला की मृत्यु हो गई। यह लड़की कातकरी समुदाय से थी।
इस लड़की की मृत्यु के बाद पता चला कि यह लड़की सिर्फ 16 साल की थी गर्भवस्था संबंधित परेशानियां आने के कारण उसे मोखाडा के ग्रामीण अस्पताल में भर्ती किया गया था।जिसके बाद 6 जून को लड़की की मृत्यु हो गई। पुलिस ने मृतका के पति सहित 10 अन्य लोगों को पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।
मिली जानकारी के मुताबिक 21 वर्षीय जयेश रामदास नामक आरोपी दो साल से इस लड़की से संबंध बना रहा था। इस दौरान वह गर्भवती हो गई। जब लड़की के घर वालों को यह पता चला तो उन्होंने इन दोनों की शादी कराने का फैसला किया। इन दोनों की शादी इसी साल 29 मार्च को हुई थी। बताया गया है कि यह लड़की क्योंकि कम उम्र में गर्भवती हुई थी इसलिए गर्भावस्था में उसे कई परेशानियां आ रही थीं।
घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने 22 जून को पति सहित उन सभी लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की है, जो नाबालिग लड़की की शादी में उपस्थित थे।पति के अलावा जिन भी लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज हुई है। उनमें लड़के और लड़की के माता-पिता, लड़की के जीजा, घर की सजावट करने वाला, खाना बनाने वाला और पुजारी सहित दो अन्य लोग शामिल हैं।
पुलिस ने इन सभी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (2) एन, पॉक्सो अधिनियम सहित कई अन्य धाराओं के तहत यह मामला दर्ज किया है।पुलिस ने अब तक नाबालिग से शादी के मामले में मृतिका के पति को गिरफ्तार कर लिया है। मोखाडा पुलिस के मुताबिक इस मामले में आरोपियों की संख्या और बढ़ने की संभावना है।
बता दें कि पालघर जिले के कुछ आदिवासी समुदायों में बाल विवाह आम है। जिससे किशोर युवावस्था में पहुंचने पर एक साथ रहना शुरू कर देते हैं। जिससे बाल विवाह की समस्या अभी बनी हुई है। और पालघर में बालिकाओं को वधू बनने से रोकने में सरकार और प्रशासन दोनो ही विफल हो रहे है।इसके अलावा यह भी सवाल है कि आदिवासी समुदाय आमतौर पर कस्टमरी लॉ से चलते हैं।इस मामले में लड़की के परिवार ने कोई शिकायत भी दर्ज नहीं कराई है, तो क्या अदालत में यह मामला टिक पाएगा?