संस्कृति और कला से युक्त हो, नशा से मुक्त हो हमारे युवा – योगीराज स्वामी भारत भूषण भारतेंदु

श्री हरि नारायण सेवा संस्थान मुंबई द्वारा चलाए जा रहे नशा उन्मूलन आभियान के तहत यूरो इंडिया फ्रेश फूड के डायरेक्टर दिनेश संसपारा से देश में युवाओं में बढ़ते व्यसन पर खास चर्चा करते हुए देश के भविष्य युवाओं को कैसे नशा से दूर रखा जाए रणनीति बनाई गई।श्री दिनेश जी ने स्वामी भारत भूषण का स्वागत करते हुए इस मुहिम में सबसे आगे रहने की बात कही तथा योगीराज ने हर हांथ बांसुरी हर सांस बांसुरी के तहत बांसुरी भी भेंट स्वरूप प्रदान किया ।

हमारे देश का भविष्य हमारे युवाओं के हाथों में है, और उनका स्वास्थ्य, सुरक्षा, और सृजनात्मक विकास हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। वर्तमान समय में, नशाखोरी की समस्या हमारे युवाओं के सामने एक गंभीर चुनौती बनकर खड़ी है। इसे समाप्त करने के लिए हम सभी को एकजुट होकर प्रयास करने की आवश्यकता है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, हम “संस्कृति और कला से युक्त हो, नशा से मुक्त हो हमारे युवा” अभियान की शुरुआत कर रहे हैं। विशेष अभियान कच्छ से कन्याकुमारी,भाव नगर से भारत भर अभियान शुरू होगा
अभियान के मुख्य बिंदु:

1. शिक्षा और जागरूकता:

  • स्कूल और कॉलेज: शैक्षणिक संस्थानों में नशे के दुष्प्रभावों पर आधारित विशेष कार्यशालाओं और सेमिनारों का आयोजन किया जाएगा।
  • मीडिया और सोशल मीडिया: विभिन्न मीडिया प्लेटफॉर्म्स का उपयोग कर युवाओं को नशाखोरी के खतरे के प्रति सचेत किया जाएगा। इन प्लेटफॉर्म्स पर जागरूकता वीडियो, पोस्टर, और शॉर्ट फिल्में चलाई जाएंगी।

2. सांस्कृतिक कार्यक्रम:

  • कलात्मक आयोजन: स्कूलों और कॉलेजों में संगीत, नृत्य, थिएटर, और कला प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। ये कार्यक्रम युवाओं को अपनी रचनात्मकता दिखाने का मंच प्रदान करेंगे।
  • लोक कला और सांस्कृतिक उत्सव: विभिन्न सांस्कृतिक उत्सवों और मेलों में नशा विरोधी संदेशों का प्रसार किया जाएगा। लोक कला के माध्यम से नशे के दुष्प्रभावों को जन-जन तक पहुंचाया जाएगा।

3. मनोरंजन और खेलकूद:

  • खेलकूद प्रतियोगिताएँ: युवाओं को खेलकूद और अन्य शारीरिक गतिविधियों में शामिल किया जाएगा। इससे वे नशे से दूर रहकर स्वस्थ जीवनशैली अपनाएंगे।
  • सृजनात्मक गतिविधियाँ: चित्रकला, मूर्तिकला, और साहित्य लेखन के माध्यम से युवाओं को सकारात्मक दिशा प्रदान की जाएगी। इन गतिविधियों से उनका मानसिक और सृजनात्मक विकास होगा।

4. परामर्श और पुनर्वास:

  • परामर्श सेवाएँ: नशा पीड़ित युवाओं के लिए मुफ्त और गुप्त परामर्श सेवाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी। अनुभवी परामर्शदाता उन्हें मानसिक और भावनात्मक समर्थन प्रदान करेंगे।
  • पुनर्वास केंद्र: नशा मुक्त युवाओं के लिए पुनर्वास केंद्र स्थापित किए जाएंगे। यहां उन्हें रोजगार प्रशिक्षण और पुनर्वास सेवाएँ प्रदान की जाएंगी जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।

5. सामुदायिक भागीदारी:

  • समुदाय का योगदान: समुदाय के सभी सदस्यों को नशाखोरी के खिलाफ जागरूक किया जाएगा और उन्हें इस मुहिम में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
  • परिवार की भूमिका: परिवारों को भी इस अभियान में शामिल किया जाएगा ताकि वे अपने बच्चों के बेहतर भविष्य की दिशा में कदम उठा सकें। परिवार के सदस्यों को प्रशिक्षित किया जाएगा कि वे नशे के शुरुआती संकेतों को पहचान सकें और समय रहते उचित कदम उठा सकें।

6. नीतिगत सुधार और कानूनी हस्तक्षेप:

  • सख्त कानूनी प्रावधान: नशे की तस्करी और बिक्री के खिलाफ सख्त कानूनी प्रावधान लागू किए जाएंगे। इसके तहत नशा बेचने वालों और तस्करों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
  • नीति सुधार: नशे की रोकथाम के लिए प्रभावी नीतियाँ और योजनाएँ बनाई जाएंगी। सरकार इस दिशा में व्यापक कदम उठाएगी और नशा उन्मूलन के लिए आवश्यक बजट में वृद्धि करेगी।
  • हम सभी मिलकर एक ऐसे समाज का निर्माण करें जहाँ हमारे युवा अपनी संस्कृति और कला से जुड़कर, नशे के चंगुल से मुक्त रहकर, एक स्वस्थ और सृजनशील जीवन जी सकें। यह अभियान तभी सफल होगा जब हम सब मिलकर इस दिशा में अपने-अपने स्तर पर योगदान देंगे।
  • अभियान में मुंबई के पूर्व उप महापौर श्री बाबू भाई भवान जी,और इंडिया के पूर्व डायरेक्टर श्री अमोद शर्मा, डॉ सुंदर कटारिया,जयेश भाई पटेल,श्री रमेश भाई बाफना,श्री राम मणि त्रिपाठी,अविनाश श्रीवास्तव,विपिन कुमार झा,श्री राहुल दिनेश ठाकरे,डॉ निलेश पाटिल,विवेक अग्रवाल जी,श्री सुमित कटारिया,मनोज कुमार जायसवाल, डा नितिन शर्मा,श्री कांत मिश्रा,वीर सिंह,अरुण कुमार जैन,सनद कुमार पांडेय आदि लोग इस मुहिम में विशेष योगदान दे रहे।
  • आइए, इस मुहिम में साथ जुड़ें और अपने युवाओं के बेहतर भविष्य की ओर एक कदम बढ़ाएं।
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