हिंदू समाज की एकता और सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए पालघर मे होगा राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम – योगीराज

परम पूज्य जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री प्रज्ञानानंद सरस्वती जी महाराज और योगीराज श्री भारत भूषण भारतेंदु जी महाराज (संस्थापक श्री हरि नारायण सेवा संस्थान और बी जे पी आध्यात्मिक प्रकोष्ठ के योग प्रमुख महाराष्ट्र प्रदेश) की ऐतिहासिक मुलाकात,हिंदू समाज की एकता और सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए अखिल भारतीय स्तर पर पालघर में विशाल कार्यक्रम की घोषणा।

मुंबई में एक विशेष ऐतिहासिक गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें आदरणीय शंकराचार्य जी और योगीराज जी के बीच एक गहन विचार-विमर्श हुआ। इस गोष्ठी का आयोजन अपनी संस्कृति अपना संस्कार (आपली संस्कृति आपला संस्कार) अभियान के अंतर्गत किया गया, जिसका उद्देश्य न केवल सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार का है, बल्कि हिंदू समाज को एकजुट करने और आंतरिक वैमनस्यता को समाप्त करने का भी है।
पूज्य शंकराचार्य जी ने कहा, “आज हिंदू समाज को बाहरी चुनौतियों से अधिक आंतरिक मतभेद और वैमनस्य से खतरा है। यह आवश्यक है कि हम अपनी प्राचीन संस्कृति और सभ्यता की जड़ों को समझें और आपस में एकजुट होकर समाज की प्रगति के लिए कार्य करें।

पालघर में अखिल भारतीय स्तर पर विशाल कार्यक्रम

गोष्ठी के दौरान यह घोषणा की गई कि पालघर में एक अखिल भारतीय स्तर का विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. जिसका उद्देश्य हिंदू समाज की एकता और सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देना होगा।

योग, ध्यान, और आध्यात्मिकता

योग और ध्यान के माध्यम से व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक सुदृढ़ता प्राप्त करने के लिए योगीराज भारत भूषण के मार्गदर्शन में विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे।

गुरुकुल का पुनर्स्थापना और विकास

योगीराज का सपना है पूरे भारत में पहले की तरह गुरुकुल का विस्तार हो जहां 16 विद्या के साथ 64 कलाओं की शिक्षा के साथ साथ आधुनिक विद्याओं का भी शिक्षा दी जा सके। योगीराज ने शंकराचार्य जी को श्री श्याम पट्टिका के साथ भगवान श्री कृष्ण जी का प्यारा वाद्य यंत्र बांसुरी भेंट स्वरूप प्रदान कर आशीर्वाद लिया। वहीं शंकराचार्य जी ने योगीराज को अंगवस्त्रम,श्री यंत्र, प्रसादम प्रदान कर सनातन सेवा आशीर्वाद दिया। अंत में योगीराज की बांसुरी वादन सभी को मंत्रमुग्ध किया।

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