Boisar | मंधाना इंडस्ट्रीज के मालिक ने बैंकों से लिए कर्ज में की बड़ी हेराफेरी – ईडी

पालघर : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपने आरोपपत्र में कहा है कि मंधाना इंडस्ट्रीज के प्रवर्तक पुरुषोत्तम मंधाना ने व्यावसायिक कर्जों का इस्तेमाल निजी लाभ के लिए किया और बैंक ऑफ बड़ौदा के नेतृत्व वाले कर्जदाता समूह को 975 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया।
धनशोधन निवारक अधिनियम (PMLA ) से जुड़े मामलों के लिए गठित एक विशेष अदालत ने मंधाना और अन्य के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला देखते हुए आरोपियों को 21 नवंबर को अदालत में उपस्थित रहने का निर्देश दिया।

एक मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक वित्तीय जांच एजेंसी ईडी की तरफ से दाखिल आरोपपत्र में पुरुषोत्तम मंधाना, उनकी पत्नी प्रेमा और बेटे प्रियव्रत सहित 18 लोगों को आरोपी बनाया गया है। विशेष न्यायाधीश ए सी डागा ने एक अक्टूबर को आरोपपत्र का संज्ञान लेते हुए कहा कि पीएमएलए के तहत प्रथम दृष्टया मामला स्पष्ट रूप से बनता है।
अदालत ने कहा, “ऐसा लगता है कि सभी आरोपी धनशोधन की इस प्रक्रिया में शामिल थे और उन्होंने आखिरकार इस पैसे को बेदाग बनाने की कोशिश की।” इसके बाद अदालत ने सभी आरोपियों को समन भेज दिया।

जानिए पूरा मामला

आरोपपत्र के मुताबिक, पालघर जिले के तारापुर एमआईडीसी मे स्थित मंधाना इंडस्ट्रीज 1990 के दशक से ही कपड़ा निर्माण और कारोबार में सक्रिय है। कंपनी के पास महान सिंथेटिक टेक्सटाइल्स प्राइवेट लिमिटेड, बालाजी कॉरपोरेशन, गोल्डन सीम इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड और धूमकेतु फिनवेस्ट प्राइवेट लिमिटेड जैसी कई और फर्म भी हैं लेकिन उनमें कोई कारोबार नहीं किया गया। आरोपपत्र में कहा गया कि समूह ने व्यवसाय विस्तार और अन्य उद्देश्यों के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा एवं अन्य बैंकों से कुल 21 ऋण लिए। मंधाना परिवार ने बैंक ऋण का इस्तेमाल व्यक्तिगत ऋण चुकाने, अचल संपत्तियां खरीदने और अन्य चीजों के अलावा शेयर खरीद के लिए किया।
ईडी ने अपने आरोपपत्र में कहा कि पुरुषोत्तम मंधाना के प्रति वफादार कर्मचारियों के नाम पर दो फर्जी कंपनियां बनाई गईं लेकिन इन कंपनियों ने कभी भी कारोबार नहीं किया। अपने कारोबार को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करके मंधाना समूह बैंकों से अधिक ऋण सुविधाएं प्राप्त करने में कामयाब रहा।

ईडी ने दावा किया कि मंधाना ने शेयर की कीमत बढ़ाने के लिए मंधाना इंडस्ट्रीज के शेयर भी खरीदे। इस मामले में जांच एजेंसी ने पुरुषोत्तम और प्रियव्रत दोनों को गिरफ्तार किया था। पुरुषोत्तम फिलहाल जमानत पर बाहर है, जबकि प्रियव्रत न्यायिक हिरासत में है।

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