पालघर-बोईसर विधानसभा | निष्ठांवानो की मोये मोये, आयाराम-गयाराम की बल्ले बल्ले

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव में महायुति और महाविकास अघाड़ी के बीच में कड़ी टक्कर है हालांकि पालघर जिले की तीन सीटों पर त्रिकोणयीय मुकाबला है वसई, नालासोपारा और बोईसर विधानसभा बहुजन विकास आघाडी के पास है.

बीजेपी, शिवसेना के बीच पालघर, बोईसर सीट को लेकर अंत तक राय नहीं बन पाई थी . अंत मे कल दोनों सीट पर उम्मीदवारों की घोषणा हुई तो वो चौकाने वाली भी थी और नहीं भी… क्योंकि अब कोई भी राजनैतिक दल का हाईकमान पार्टी के कार्यकर्ताओ के मन टटोलने की कोशिस नहीं करता. ऐसी ही स्थिति कुछ पालघर-बोईसर विधानसभा सीटों पर देखने को मिली. दोनों जगह भाजपा कार्यकर्ताओ मे मायूसी देखने को मिली.हालांकि गठबंधन धर्म निभाने के लिए किसी न किसी दल को इस स्थिति का सामना करना ही था.
पालघर विधानसभा सीट पर वर्तमान विधायक श्रीनिवास वनगा को उम्मीद थी की उन्होंने ऐसे वक़्त पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का साथ दिया था जब उन्हें सख्त जरूरत थी. पर उस वक़्त के साथी 37 विधायकों मे केवल वनगा का टिकिट काट दिया गया और अंत मे कांग्रेस से भाजपा, भाजपा से अविभाजित शिवसेना, शिवसेना से भाजपा और फिर भाजपा से शिवसेना शिंदे गुट मे जाने वाले राजेंद्र गावित को टिकिट थमा दिया जिसको लेकर वर्तमान विधायक श्रीनिवास वनगा फुटफुट कर रोये या तक की आत्महत्या करने का मन बना लिया.कुछ इसी तरह बोईसर विधानसभा सीट पर भी बहुजन विकास आघाडी से दस साल की विधायकी के बाद अविभाजित शिवसेना फिर शिवसेना से भाजपा, भाजपा से शिवसेना शिंदे गुट मे जाने वाले विलास तरे को मैदान मे उतारा है जहां इनका मुकाबला बहुजन विकास आघाडी और शिवसेना उद्धव गुट से है.अब किसे मोहरा बनाना है किसे वजीर यह तो जनता तय करेगी.

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