Boisar | ब्रह्माकुमारी संगठन के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा की पुण्य तिथि के अवसर पर बोईसर शहर के विराज सेंटर पर बड़ी संख्या मे श्रद्धालु जुटे। जहां मानवीय एकता और विश्व शांति की मनोकामना को लेकर निरंतर साधना होती है।
मानवीय एकता और विश्वशांति दिवस के लिए ब्रह्माकुमारी संगठन के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा की पुण्य तिथि के उपलक्ष में बाबा के समाधि स्थल के रूप मे शांतिस्तंभ, बाबा का कमरा मे साधना की गई.सवेरे चार बजे से आरंभ होकर दिनभर बड़ी तादाद में आए राजयोगी श्रद्धालु साधना में जुटे हुए हैं।
साधना व प्रवचन को लेकर सवेरे सेंटर के भवन में आयोजित कार्यक्रम में बाबा के जीवनी और उनके उच्चकोटि के चरित्र के बारे मे बताया गया । ब्रह्मा बाबा की मन-वचन-कर्म की व्यवहारिकता से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह स्पष्ट महसूस होता था।
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इस दौरान सेवा केंद्र संचालिका बीके जागृति दीदी ने बताया कि पीड़ित मानवता के उद्धारक तथा नारी शक्ति को नव पहचान देकर विश्व की सम्भवत प्रथम नारी सत्ता द्वारा संचालित आध्यात्मिक संस्था प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की स्थापना करने वाले पिता श्री ब्रह्मा बाबा नवयुग के अदभुत शिल्पी थे। दैवी संस्कृति के पुनस्र्थापना के लिए उन्होंने वर्ष 1937 में ओम मण्डली नामक संस्था बनाकर अपनी सम्पूर्ण अर्जित सम्पति समर्पित कर दिया। यह संस्था 5 मई सन 1950 को माउंट आबू ,राजस्थान में स्थानांतरित हुई। विश्व शान्ति सद्भावना एवं मानवीय मूल्यों की दिशा में उल्लेखनीय योगदान के लिए सयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा इस संस्था को 1987 में अंतराष्ट्रीय शांति दूत पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। बताया कि ब्रह्मा बाबा ने 18 जनवरी 1969 को अपने देह का परित्याग करके सम्पूर्णता की स्थिति को प्राप्त किया था। उन्ही के पुण्य स्मृति में विश्व भर में इस संस्था द्वारा 18 जनवरी को अव्यक्त दिवस के रूप में मनाया जाता है।