विश्व शांति हेतु दो आचार्यों का शांति संकल्प

नई दिल्ली | 21 मई का दिन भारतीय आध्यात्मिक चेतना के इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण बन गया, जब दो महान संत– आचार्यश्री डॉ. लोकेश जी (एंबेसडर ऑफ पीस, संस्थापक अहिंसा विश्व भारती) और योगाचार्य श्री भारत भूषण भारतेंदु जी महाराज (संस्थापक – श्री हरि नारायण सेवा संस्थान, पालघर, महाराष्ट्र; राष्ट्रीय उपाध्यक्ष – संत प्रकोष्ठ, अखिल भारतीय जैन दिवाकर मंच; योग प्रमुख – भाजपा आध्यात्मिक आघाड़ी, महाराष्ट्र) – ने एक साथ मिलकर विश्व शांति हेतु शांति संकल्प लिया।

यह मिलन न केवल दो आध्यात्मिक शक्तियों का संगम था, बल्कि भारत की उस सनातन परंपरा की गूंज भी था जो “वसुधैव कुटुम्बकम्” के मंत्र पर टिकी है। योगीराज भारत भूषण जी ने अपने विशेष संगीतात्मक योग प्रदर्शन से इस पावन अवसर को दिव्य ऊर्जा से भर दिया।

आचार्य लोकेश जी को महाराष्ट्र में आगामी संत सम्मेलन हेतु आमंत्रित करते हुए, भारत भूषण जी ने बांसुरी पर नवकार मंत्र बजाया। इस अनुपम संगीतमय प्रस्तुति ने उपस्थित सभी जनों को भाव-विभोर कर दिया। जैसे ही नवकार मंत्र की स्वर-लहरियाँ गूंजीं, वातावरण में शांति, करुणा और एकात्मता का दिव्य संचार हुआ। कलांतर आर्ट्स दिल्ली के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री विशाल श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए कहा विश्वशांति के लिए कलांतर आर्ट्स सदैव अग्रणी रहेगा।
कार्यक्रम के समापन पर योगाचार्य भारत भूषण जी ने माउथ ऑर्गन पर ‘जन गण मन’ की दिव्य धुन बजाकर राष्ट्र को समर्पित भाव प्रकट किया। यह प्रस्तुति राष्ट्रभक्ति और वैश्विक सद्भावना का अद्वितीय संगम बनी।

दो संतों का यह मिलन, न केवल भारत बल्कि समस्त विश्व को शांति, संयम और सत्पथ पर चलने की प्रेरणा देता है। यह शांति संकल्प आने वाले समय में एक वैश्विक आंदोलन का रूप ले सकता है, जो भारत को पुनः “विश्वगुरु” की ओर अग्रसर करेगा।

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