पालघर जिले के बोईसर के टीमा अस्पताल परिसर में शुरू ग्रामीण अस्पताल को लेकर स्थानीय नेताओं और सामाजिक प्रतिनिधियों ने मंगलवार को पालघर जिलाधिकारी डॉ. इंदूराणी जाखड से मुलाकात की। उन्होंने अस्पताल की मौजूदा व्यवस्था तब तक जारी रखने की मांग की जब तक इसके लिए कोई वैकल्पिक स्थान तैयार नहीं हो जाता। नेताओं ने जिलाधिकारी को बताया कि कोरोना महामारी के दौरान टीमा अस्पताल ने स्वेच्छा से अपनी इमारत कोविड अस्पताल के लिए उपलब्ध कराई थी, लेकिन अब संस्था इमारत को पुनः अपने नियंत्रण में लेना चाहती है। इसके लिए उन्होंने पहले भी कई बार प्रशासन से अनुरोध किया है। साथ ही, दो वर्षों से अस्पताल चालू रहने के कारण प्रति माह 10 लाख रुपये किराए की भी मांग की गई है। मौजूदा मानसून और बढ़ते संक्रमण को देखते हुए, ग्रामीण अस्पताल की सेवाएं रोकना क्षेत्र के लिए घातक हो सकता है।
बैठक में शामिल भाजपा नेता संजय पाटिल ने कहा कि बोईसर के लोगों के लिए यह एक मात्र अस्पताल है। इसे यहां से हटाने से बड़ी संख्या में लोग प्रभावित होंगे। पाटील ने कहा कि अगर अस्पताल को यहां से हटाया गया तो हम सड़क पर उतरकर इसके विरोध में प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि इसे स्थानांतरित करने से हजारों नागरिकों को भारी असुविधा होगी।
इस बैठक में, जगदीश धोडी, महेंद्र भोणे, समीर मोरे, भावेश चुरी, सचिन लोखंडे, अविश राऊत, परशुराम चावरे समेत कई सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। प्रशासन की ओर से निवासी उपजिल्हाधिकारी सुभाष भागडे, जिला सर्जन डॉ. रामदास मराड, जिल्हा भूमी अभिलेख अधिकारी नरेंद्र पाटील और एमआयडीसी के उपअभियंता अविनाश संखे मौजूद रहे। जिलाधिकारी ने फिलहाल वर्तमान स्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए है।