पालघर जिले के विक्रमगड तालुका के देहर्जे परियोजना से प्रभावित किसानों के चेहरों पर अब मुस्कान लौट आई है। वर्षों से लंबित मुआवज़े का मामला आखिरकार सुलझ गया है। बुधवार को मंत्रालय में राज्य के वनमंत्री एवं पालघर जिले के पालकमंत्री गणेश नाईक की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में किसानों को ₹25 लाख प्रति हेक्टेयर दर से मुआवज़ा देने का बड़ा निर्णय लिया गया।
बैठक में सांसद डॉ. हेमंत विष्णु सवरा, विधायक राजेंद्र गावित, जिलाधिकारी इंदुराणी जाखड़, तथा जलसंपदा, राजस्व और पुनर्वसन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
इस बैठक का श्रेय सांसद डॉ. हेमंत सवरा को जाता है, जिन्होंने लंबे समय से किसानों की न्यायपूर्ण मांगों को लेकर लगातार सरकार से संवाद किया। उनके आग्रह और पहल के परिणामस्वरूप यह निर्णय संभव हुआ।
बैठक के बाद डॉ. सवरा ने कहा —
“देहर्जे परियोजना से प्रभावित किसानों को उनका हक़ दिलाने की दिशा में यह एक ऐतिहासिक कदम है। मलवाडा गांव के ₹25 लाख प्रति हेक्टेयर दर को लागू करने से किसानों की वर्षों पुरानी मांग पूरी हो गई है। यह निर्णय किसानों के संघर्ष की जीत है।”
गौरतलब है कि वर्ष 2018 में खुडेद, साखरे और जांभा गांवों की भूमि इस परियोजना के लिए अधिग्रहित की गई थी। उस समय किसानों को केवल ₹15,000 की फसल हानि भरपाई दी गई थी। भूमि के लेनदेन ठप होने और रेडी रेकनर दर अत्यंत कम होने से किसानों को उचित मुआवज़ा नहीं मिल पा रहा था।
अब बैठक में यह नीतिगत निर्णय लिया गया है कि मलवाडा गांव का दर देहर्जे परियोजना के लिए आधार माना जाएगा, जिससे सभी प्रभावित किसानों को समान और न्यायसंगत मुआवज़ा मिल सकेगा।
इस निर्णय से विक्रमगड तालुका के किसानों ने राहत की सांस ली है और सांसद डॉ. हेमंत सवरा के प्रति आभार व्यक्त किया है।