दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस ने भारत-रूस रिश्तों को एक नया मोड़ दे दिया।
इस दौरान पीएम मोदी ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि अब रूसी नागरिकों को भारत आने के लिए 30 दिन का निशुल्क ई-टूरिस्ट वीजा दिया जाएगा। इसे दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी आवाजाही बढ़ाने और रिश्तों को और गहरा करने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भारत और रूस के बीच कई अहम समझौतों का आदान-प्रदान हुआ। दोनों देशों ने कोऑपरेशन और माइग्रेशन, अस्थायी श्रमिक गतिविधियों, हेल्थकेयर और मेडिकल एजुकेशन, फूड सेफ्टी और स्टैंडर्ड्स, पोलर शिप्स और मैरिटाइम कोऑपरेशन के साथ फर्टिलाइजर से जुड़े अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इन समझौतों को दोनों देशों के बीच रणनीतिक और आर्थिक सहयोग को नई मजबूती देने वाला माना जा रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि साल 2010 में भारत-रूस साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा मिला था। बीते ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन की दूरदर्शी नेतृत्व क्षमता ने इस साझेदारी को लगातार मजबूती दी है। उन्होंने पुतिन को अपना मित्र बताते हुए उनके योगदान के लिए आभार जताया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 25 साल पहले पुतिन के नेतृत्व में दोनों देशों के रिश्तों की मजबूत नींव रखी गई थी। इस दौरान दुनिया ने कई बड़े संकट देखे, लेकिन इसके बावजूद भारत-रूस की दोस्ती ध्रुव तारे की तरह अडिग बनी रही।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ डिनर के दौरान हुई उनकी बातचीत भारत-रूस की स्पेशल और प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप के लिए काफी उपयोगी साबित हुई है। पुतिन ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और उनके बीच एक भरोसेमंद और करीबी वर्किंग डायलॉग स्थापित हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों नेता पहले एससीओ समिट के दौरान मिले थे और अब वे खुद भारत-रूस के बीच होने वाली बातचीत और सहयोग की प्रक्रिया पर सीधा नजर रख रहे हैं।
पुतिन ने कहा कि पीएम मोदी ने दोनों देशों के सामने मौजूद चुनौतियों की एक स्पष्ट सूची दी है, जिन पर मिलकर काम किया जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगर भारत और यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट होता है तो इसका बड़ा फायदा दोनों पक्षों को मिलेगा।
पुतिन ने बताया कि फिलहाल भारत-रूस के बीच 96 प्रतिशत व्यापार अपनी-अपनी राष्ट्रीय मुद्रा में हो रहा है। ऊर्जा क्षेत्र में तेल, गैस और कोयले की सप्लाई पूरी तरह स्थिर बनी हुई है।
पीएम मोदी ने पुतिन की यात्रा को बेहद खास बताया। उन्होंने कहा कि यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब द्विपक्षीय संबंध कई ऐतिहासिक पड़ाव से गुजर रहे हैं। साल 2000 में रूस और भारत के बीच रणनीतिक साझेदारी की शुरुआत हुई थी, जिसने आज वैश्विक स्तर पर दोनों देशों को मजबूत साझेदार बना दिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत-रूस की एनर्जी सिक्योरिटी पार्टनरशिप एक मजबूत स्तंभ रही है। सिविल न्यूक्लियर एनर्जी में दशकों पुराना सहयोग दोनों देशों के स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों को आगे बढ़ा रहा है। पीएम मोदी ने क्रिटिकल मिनरल्स में सहयोग को भी भविष्य के लिए बेहद अहम बताया, जिससे सुरक्षित और मजबूत वैश्विक सप्लाई चेन तैयार होगी।
उन्होंने यह भी कहा कि शिपबिल्डिंग में गहरा सहयोग ‘मेक इन इंडिया’ को और मजबूती देगा, जिससे रोजगार, स्किल डेवलपमेंट और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा।
रूसी नागरिकों के लिए 30 दिन का फ्री ई-टूरिस्ट वीजा भारत की सॉफ्ट पावर को और मजबूत करेगा। इससे पर्यटन, व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को नई रफ्तार मिलने की उम्मीद है। कुल मिलाकर मोदी-पुतिन की इस मुलाकात ने भारत-रूस साझेदारी को एक नई ऊर्जा और नई दिशा दे दी है।






