पालघर लोकसभा चुनाव : क्या भाजपा लगा पाएगी हैट्रिक या होगा उलटफेर, जानिए कौन कितना है पानी मे…. पढ़े पुरे समीकरण

पालघर : लोकसभा चुनाव 2024 का यहां पर प्रचार थम गया हैं. नरेंद्र मोदी की अगुआई में बीजेपी लगातार तीसरी बार सत्ता पर काबिज होने के लिए पूरा ज़ोर लगा रही है. वहीं, विपक्षी दल भी उलटफेर करने की रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं. चुनाव से पहले महाराष्ट्र की पालघर सीट पर क्या हैं सियासी समीकरण जानिए इस रिपोर्ट मे.
पालघर महाराष्ट्र का एक जिला है और 48 लोकसभा सीटों में एक है. 2014 में ठाणे जिले को दो भागों में बांट दिया और पालघर को एक नया जिला बना दिया गया. उस समय पालघर महाराष्ट्र का 36वां नया जिला था. हालांकि इससे पहले 2009 में पालघर लोकसभा सीट अपने अस्तित्व में आ गई थी. तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और तत्कालीन राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट की उपस्थिति में एक नए जिले का कामकाज 1 अगस्त 2014 से शुरू हुआ. 2011 की जनगणना के आधार पर पालघर जिले की कुल जनसंख्या लगभग 29,95,428 है और इसके भीतर कुल 8 तालुका हैं.


2009 में पहली बार हुआ लोकसभा चुनाव

इस जिले के राजनीतिक परिदृश्य की बात करें तो यहां पहली बार लोकसभा चुनाव 2009 में हुए थे. तब यहां बहुजन विकास अघाड़ी के बलिराम जाधव सांसद बने थे. इसके बाद 2014 में यह सीट बीजेपी के पास चली गई और चिंतामन वनगा सांसद बने. 2014 के चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार चिंतामन वनगा को 5,33,201 वोट मिले थे जबकि बहुजन विकास अघाड़ी के उम्मीदवार को 2,93,681 वोट मिले थे. इस तरह से देखें तो दोनों उम्मीदवारों के बीच में जीत और हार के आंतर 2,39,520 वोटों का था. तीसरे नंबर पर सीपीआईएम थी जिसे 76,890 वोट मिले थे.

इसके बाद 2018 में इस सीट पर उपचुनाव हुए और बीजेपी के राजेंद्र गावित सांसद बने. इसके बाद 2109 में एक बार फिर से पूरे देश में आम चुनाव हुए. तब तक राजेंद्र गावित शिवसेना के टिकट पर मैदान में उतरे और लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की.

पिछले दो चुनावों मे रही कांटे की टकर

2019 के चुनाव में गावित को 515,000 वोट मिले थे जबकि बहुजन विकास अघाड़ी के उम्मीदवार रहे बलिराम जाधव को 4,91,596 वोट मिले. हार और जीत के बीच 23,404 वोटों का अंतर था. मतलब मुकाबला काफी करीबी था. 2018 के उपचुनाव में भी कुछ ऐसी ही स्थिति देखने को मिली थी. तब राजेंद्र गावित 29 हजार कुछ वोटों से जीते थे.

2024 उम्मीदवार का नाम पार्टी

कामरेड राहुल मेधा – मलप
दिनकर दतात्रे – निर्दलीय
मीना किशोर – निर्दलीय
विजय राजकुमार – वीबीए
भारती कामड़ी – SS(UBT)
मोहन बारकु – BAdP
भरत सामजी – Bsp
हेमंत सांवरा – बीजेपी
अमर किसन – निर्दलीय
राजेश पाटिल – बीवीए

दस उम्मीदवार मैदान मे

पालघर लोकसभा सीट पर 10 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं, लेकिन चुनावी समीकरण को देखते हुए सही लड़ाई भारतीय जनता पार्टी, शिवसेना (यूबीटी) और बहुजन विकास आघाडी यानी 3 पार्टियों के उम्मीदवारों के बीच होगी। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सभी पार्टियां प्रचार में अपना दमखम दिखाने में जुटी हुई नजर आ रही हैं। ऐसे में पालघर जिले में कई बड़े-बड़े नेता प्रचार सभाओं में दिखाई दे रहे हैं। भाजपा के उम्मीदवार डॉ. हेमंत सावरा के प्रचार के लिए अमित शाह, देवेंद्र फडणवीस, चंद्रशेखर बावनकुले, सुधीर मुनगंटीवार, योगी आदित्यनाथ जैसे भाजपा के बड़े-बड़े नेता चुनावी प्रचार जनसभाओं को संबोधित करते हुए नजर आ रहे हैं।

जिले के चुनावी मुद्दे

पालघर लोकसभा चुनाव में स्वास्थ्य सुविधा, पानी की भीषण समस्या, मछुआरों और स्थानीयों द्वारा वाढवण बंदरगाह का किया जा रहा प्रखर विरोध, सड़कों की कनेक्टिविटी की कमी, बेरोजगारी आदि जैसे विषयों को चुनावी मुद्दे बनाये गये। अब इन मुद्दों को लेकर मतदाता किसे चुनते हैं, यह देखने वाली बात होगी।

त्रिकोणीय मुकाबला

पालघर लोकसभा सीट पर महाविकास आघाडी के प्रत्याशी भारती कामड़ी, महायुति के उम्मीदवार डॉ. हेमंत सावरा और बहुजन विकास आघाडी के प्रत्याशी राजेश पाटील इन तीनों में त्रिकोणीय मुकाबला होगा। बविआ का वसई विरार क्षेत्र में वर्चस्व कम करने के लिए वसई, नालासोपारा में गृहमंत्री अमित शाह, डेप्युटी सीएम देवेंद्र फडणवीस, सीएम एकनाथ शिंदे, पीडब्लूडी मंत्री रविंद्र चव्हाण, पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे आदि चुनावी जनसभाओं को संबोधित करते हुए अपना शक्ति प्रदर्शन चुके हैं।

क्या कहते है समीकरण

गृह मंत्री अमित शाह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रैली से अगर मतदाता भाजपा की तरफ झुके तो भाजपा के लिए ये सीट निकालना आसान है वरना वसई विरार नालासोपारा BVA का गढ़ है. वाढवन के विरोध के चलते किनार पट्टी और अल्पसंख्यको का झुकाव शिवसेना UBT की तरफ है जिसका नुकसान भाजपा व बहुजन विकास आघाडी दोनों क़ो होगा. दूसरा मोदी फेक्टर चल गया तो पिछले चुनावों की तरह मतदाता लोकसभा चुनाव मे भाजपा की तरफ झुके तो कांटे की टकर मे भी भाजपा सीट निकाल सकती है.

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