ठाकुर इंजीनियरिंग कॉलेज में भव्य कवि सम्मेलन संपन्न

मुंबई : ठाकुर इंजीनियरिंग कॉलेज कांदिवली के सभागार में साहित्यिक वातावरण से सराबोर कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया। कई जाने-माने कवियों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं का मन मोह लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में श्री उमाशंकर चतुर्वेदी, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष, उत्तर भारतीय एकता मंच उपस्थित रहे, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में योगीराज श्री भारत भूषण भारतेंदु (संस्थापक, श्री हरि नारायण सेवा संस्थान, मुंबई) ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम को गरिमामयी बनाया।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन और माँ सरस्वती की वंदना के साथ हुई, जिसके बाद एक के बाद एक कवियों ने मंच पर आकर अपनी रचनाओं का पाठ किया। योगीराज श्री भारत भूषण भारतेंदु ने भी अपनी स्वरचित कविता “खुशबू” प्रस्तुत की, जिसमें मानवीय भावनाओं की सुगंध और जीवन की गहराइयों को बड़े ही सुंदर तरीके से व्यक्त किया गया था। उनकी कविता ने श्रोताओं के दिलों को छू लिया और तालियों की गड़गड़ाहट से सभागार गूंज उठा। कविता पाठ के बाद उन्होंने बांसुरी की मधुर धुनें छेड़ीं, जो दर्शकों को संगीतमय आनंद की अनुभूति कराती रहीं। उनकी बांसुरी की धुन ने कार्यक्रम में एक अलौकिक सौंदर्य भर दिया और लोग मंत्रमुग्ध हो गए।


इस कवि सम्मेलन में कई प्रतिष्ठित कवियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जिनमें डा. जीनत कुरेशी, कुसुम तिवारी, नीतू पांडेय, राजू मिश्रा, जवाहर निर्झर, और विष्णु मिश्रा प्रमुख थे। इन सभी कवियों ने अपने-अपने अंदाज में कविताओं का पाठ किया, जिनमें हास्य, वीर रस, श्रृंगार और समाजिक मुद्दों की झलक देखने को मिली। विशेष रूप से, डा. जीनत कुरेशी और जवाहर निर्झर की कविताओं ने दर्शकों को गहरे विचारों में डुबो दिया, वहीं राजू मिश्रा की रचनाओं ने हास्य का पुट डालकर कार्यक्रम में ताजगी का संचार किया।
प्रिंसिपल डॉ. एस.एम. गड़ेचारी और डा. सुरेश पाठक के नेतृत्व में सफल कार्यक्रम हुआ। कॉलेज के एनएसएस छात्रों के लिए एक विशेष कविता प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में छात्रों ने अपनी कल्पनाशक्ति और लेखनी का प्रदर्शन किया, और विजेताओं को सम्मानित किया गया। वहीं राजेश सिंह के जोशीले ब्यक्तब्य से छात्रों में एकलग ऊर्जा का संचार किया।

कार्यक्रम का संचालन श्रीकिशन अग्रवाल ने अपने सधे हुए अंदाज़ और मधुर भाषा शैली में किया, जिसने पूरे आयोजन को सहज और जीवंत बनाए रखा। उन्होंने श्रोताओं को लगातार कवियों से जोड़कर रखा और कविताओं के बीच-बीच में अपने प्रभावशाली अंदाज से माहौल को और रोचक बना दिया। ठाकुर इंजीनियरिंग कॉलेज का यह कवि सम्मेलन एक यादगार साहित्यिक शाम के रूप में सभी के दिलों में अमिट छाप छोड़ गया। श्रोता कार्यक्रम की समाप्ति पर भी कवियों की रचनाओं और योगीराज श्री भारत भूषण की बांसुरी की धुनों की सराहना करते रहे।

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