पालघर:मोखाड़ा हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने वाले डीवायएसपी गणपत पिंगले को केंद्र सरकार का “दक्षता पदक”

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तकनीकी जांच और सूझबूझ से उजागर किया सिरकटा शव कांड

पालघर के मोखाड़ा इलाके में सनसनीखेज महिला हत्या कांड की गुत्थी सुलझाने वाले तत्कालीन डीवायएसपी गणपत पिंगले को उनके उत्कृष्ट जांच कार्य के लिए केंद्र सरकार ने “दक्षता पदक” से सम्मानित किया है। यह पदक केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से देश के लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर घोषित किया गया।

पुलिस के मुताबिक यह मामला 7 फरवरी 2024 का है, जब मोखाड़ा पुलिस थाना क्षेत्र के वैतरणा नदी के किनारे एक अज्ञात महिला का सिर कटा शव मिला था। शुरुआती जांच में पुलिस के पास सिर्फ दो सुराग थे। मृतका के दाहिने हाथ पर बना “ममता” टैटू और पैर की अंगुली में ‘SDS’ निशान वाली चांदी की पायल। इन्हीं मामूली संकेतों से पुलिस ने इस जघन्य हत्या की परतें खोलनी शुरू कीं।

पालघर पुलिस ने पूरे जिले के साथ-साथ महाराष्ट्र, दमन और सिलवासा क्षेत्र में भी खोज अभियान चलाया, लेकिन कोई ठोस जानकारी हाथ नहीं लगी। इसके बाद पुलिस ने सोशल मीडिया और व्हाट्सऐप ग्रुप्स के जरिए जानकारी प्रसारित की। कुछ दिनों बाद मृतका के परिजनों ने पुष्टि की कि शव ममता बंसीलाल पावरा का है।

तकनीकी जांच के दौरान यह सामने आया कि ममता का संपर्क गोविंद उर्फ सुनील मेहलाई यादव नामक युवक से था। आरोपी को सोलापुर से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि उसने ममता के प्रेम संबंध थे और अपने साथी महेश उर्फ विकी रविंद्र बडगुजर के साथ मिलकर ममता की हत्या की। दोनों ने ममता को लोणावला घूमने के बहाने कार में बुलाया, फिर वैतरणा नदी पुल के पास कार में ही स्कार्फ से गला दबाकर हत्या की, और पहचान मिटाने के लिए गला काटकर शव को फेक दिया

हत्या के बाद दोनों ने मृतका का सिर धुले जिले के मोहाली क्षेत्र में जंगल में पेट्रोल डालकर जला दिया, मोबाइल फोन व चाकू फेंक दिए और उसके दागिने बेच डाले।

इस जटिल और गंभीर मामले की गुत्थी सुलझाने में तत्कालीन डीवायएसपी गणपत पिंगले ने स्थानीय अपराध शाखा के सहयोग से सूक्ष्म तकनीकी जांच, सटीक विश्लेषण और निरंतर निगरानी के माध्यम से अहम भूमिका निभाई। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है और मामला न्यायालय में विचाराधीन है।

गणपत पिंगले, जो उस समय जव्हार उपविभागीय पुलिस अधिकारी (डीवायएसपी) थे, वर्तमान में सहायक पुलिस आयुक्त, मिरा रोड विभाग (मिरा-भाईंदर-वसई विरार पुलिस आयुक्तालय) के पद पर कार्यरत हैं।

केंद्र सरकार ने उनके इस उत्कृष्ट और अनुकरणीय जांच कार्य की सराहना करते हुए उन्हें “दक्षता पदक” से सम्मानित किया है — जो पुलिस सेवा में निष्ठा, दक्षता और न्याय के प्रति समर्पण का प्रतीक माना जाता है।

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