भारत के तेज तर्रार योग गुरु, भारत भूषण भारतेन्दु जी (संस्थापक श्री हरि नारायण सेवा संस्थान मुंबई) को हाल ही में भारतीय जनता पार्टी ने महाराष्ट्र राज्य के आध्यात्मिक प्रकोष्ठ के योग प्रमुख पद पर नियुक्त किया है। अपनी विलक्षण योग साधना और अद्वितीय उपचार पद्धतियों के लिए विख्यात योग गुरु जी का लक्ष्य सिर्फ एक स्वस्थ समाज नहीं, बल्कि आत्मिक और शारीरिक संतुलन से भरपूर समाज की रचना करना है।
भयंकर से भयंकर रोगों का इलाज में योग का योगदान
योगीराज के मार्गदर्शन में न सिर्फ डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, माइग्रेन,कैंसर और थायरॉइड जैसी बीमारियां के कसते सिकंजे से समाज को निजात दिलाने के लिए देश के सभी पैथिओ को साथ होकर बीमारियों को परास्त करने के लिए एकजुट होकर कार्य करने की आवश्यकता है तभी जाकर समाज को असाध्य रोगों से निजात दिलाकर स्वस्थ्य समाज की कल्पना करी जा सकती है योगीराज के जीवन का मिशन है कि समाज को स्वस्थ्य और सुंदरता प्रदान कर सभी चिरायु हों।योग शरीर को ही नहीं, बल्कि आत्मा को जोड़ने की कला है,” गुरुजी का यह कथन उनके हर कदम में साकार होता दिखता है।
तनाव और तनाव से जुड़ी बीमारियों का विशेष इलाज
आज के दौर में तनाव एक बड़ी समस्या बन चुका है। नौकरी से लेकर घर तक, हर जगह तनाव से जूझ रहे लोग योग गुरु जी की शरण में आकर नई ऊर्जा और शांति का अनुभव कर रहे हैं। वे तनाव दूर करने के लिए अद्भुत और वैज्ञानिक पद्धतियों का उपयोग करते हैं, जिन्हें हजारों लोग आजमा चुके हैं। पुलिस अधिकारी,डॉक्टर,अध्यापक,स्टूडेंट्स,व्यापारी, किसान,ड्राइवर,कैदी, पत्रकार,गृहणियां और सरकारी अधिकारी सभी ने अपने-अपने तरीके से गुरुजी की इन पद्धतियों से लाभ उठाया है।
हर हाथ बांसुरी हर सांस बांसुरी अभियान
गुरुजी के मार्गदर्शन में चलाया गया “हर हाथ बांसुरी हर सांस बांसुरी” से अभियान देशभर में एक अनोखी क्रांति ला रहा है। इस अभियान में योग के जरिए श्वास पर नियंत्रण सिखाया जाता है, जो मानसिक तनाव और शरीर के विषाक्त तत्वों को निकालने में बेहद मददगार साबित होता है। बच्चे, युवा, महिलाएं, बुजुर्ग सभी इस अभियान से जुड़ रहे हैं और इसके सकारात्मक परिणाम अनुभव कर रहे हैं।
पालघर मे वृद्धास्रय और गौ सेवा प्रकल्प
गुरुजी का मुख्य आश्रम महाराष्ट्र के पालघर जिले में स्थित है, जहां से वह समाज की भलाई के लिए कई सेवा प्रकल्प चला रहे हैं। विशेष रूप से वृद्धाश्रय और गौ सेवा का प्रकल्प उनके आश्रम का एक मुख्य हिस्सा है, जहां गौमाताओं की सेवा और उनके संरक्षण के कार्य किए जा रहे हैं।
सूरत में सेवाएं: गुजरात सूरत में दो दिवसीय दौरा
हाल ही में योग गुरु भारत भूषण भारतेन्दु जी ने अपनी संस्कृति अपना संस्कार के तहत गुजरात से शुरू अभियान कच्छ से कन्याकुमारी के कड़ी में दो दिन का सूरत प्रवास में संस्था के सूरत प्रभारी श्रीकिशन अग्रवाल (कवि व मोटिवेशनल स्पीकर) के साथ सूरत शहर में एक विशेष योग अभियान मे अस्वस्थ्य लोगों ने योग ध्यान के माध्यम से स्वस्थ्य रहने के गुण सीखी। वहीं बच्चों को संस्कृति संस्कार की दिशा में बांसुरी प्रदान कर उनको समाज के साथ देश सेवा की भावनाओं को जागृत किया । योगीराज के इस सेवा से सूरत में नई चेतना का संचार हुआ जहां हर आयु वर्ग के लोग उनसे जुड़े।
अंतिम लक्ष्य: स्वस्थ और आध्यात्मिक समाज की स्थापना
योग गुरु भारत भूषण भारतेन्दु जी का जीवन और उनके कार्य आज की व्यस्त और तनावपूर्ण जीवनशैली में एक अद्वितीय प्रेरणा हैं। उनका मानना है कि एक स्वस्थ और आध्यात्मिक समाज ही एक सशक्त राष्ट्र की नींव रख सकता है। उनकी निस्वार्थ सेवा और योग के प्रति समर्पण उन्हें न केवल एक योग गुरु बल्कि समाज के लिए एक मार्गदर्शक और प्रेरणास्त्रोत बनाता है।
सूरत के सफल कार्यक्रम में श्री नरेंद्र अग्रवाल ( डायरेक्टर कालकृति इनोवेशन ) हर्षद माधवानी बैटरी हब लिथियम टेक्नोलॉजी के संचालक, सुमन अग्रवाल , पीहू माधवानी, रोहन अग्रवाल समाज सेवक, सलोनी अग्रवाल चार्टर अकाउंटेंट,सुजीत भाई लक्ष्मी फैशन के संचालक,वैद्य श्री दिलीप सिंह,अजीत कुमार विश्वकर्मा, डा सुरेश सिंह आदि लोगों का विशेष योगदान रहा। आने वाले समय में सूरत में एक बड़े भव्य कार्यक्रम के आयोजन की घोषणा की गई जिससे सूरत के रहवासी अधिक से अधिक लाभान्वित हो सके।