बोईसर शहर के सर्कस ग्राउंड मे विश्व मांगल्य सभा द्वारा पुण्यश्लोक अहिल्या बाई होलकर पर भव्य नाटक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस महानाटक के कलाकार नागपुर से आये थे. सर्कस ग्राउंड मे आयोजित इस महानाटक को देखने के लिए पूरा पांडाल खसाखस भरा हुआ था, आयोजको द्वारा कार्यक्रम को सुव्यवस्थित करने के लिए दर्शकों के लिए पास सिस्टम की व्यवस्था की गईं थी, करीबन सात हजार लोगो के बैठने की व्यवस्था की गईं थी. शहर मे इस तरह का भव्य नाटक देखने के लिए सैलाब सा उमड़ गया था.
कलाकारों द्वारा नाटक की शानदार प्रस्तुति दी गईं, अहिल्या बाई के सिद्धांत और कर्तव्यों को देखकर दर्शक बहुत बार भावुक होते दिखे, नाटक के दौरान हर हर महादेव, जय श्री राम के जयकारे भी लगे.इस कार्यक्रम को देखने शहर के धार्मिक संगठन, स्थानीय नेता, व्यापारी वर्ग, शिक्षक, डॉक्टर समेत हर वर्ग के लोगो ने भाग लिया.

अहिल्याबाई होलकर साधारण से किसान के घर पैदा हुई एक महिला थी, जिन्होंने सदैव अपने राज्य और वहां के लोगों के हित में ही कार्य किया। उनके कार्य की प्रणाली बहुत ही सुगम एवं सरल है अर्थात इन्होंने अपने राज्य के लोगों के साथ बड़े ही प्रेम पूर्वक एवं दया के साथ व्यवहार किया। उन्होंने कई युद्धों में अपनी सेना का नेतृत्व किया और हाथी पर सवार होकर वीरता के साथ लड़ीं। वे मालवा प्रांत की महारानी थी। अहिल्याबाई होल्कर ने समाज की सेवा के लिए अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया। अहिल्याबाई ने अपने राज्य की सीमाओं के बाहर भी काफी कार्य किए। उन्होंने कई तीर्थ स्थानों के साथ ही कई मंदिर, घाट, कुँए, बावडियों, भूखे लोगों के लिए अन्नसत्र और प्याऊ का निर्माण भी कराया।